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२४ श्री महावीर स्वामी-चरित
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क्या है ? इसलिए आप इस रस्तेको छोड़कर उस दूसरे रस्तेसे जाइए।"
अभी तू बैलोंकी रक्षा करने जा रहा है। यहाँ आते हुए तने एक सर्पको देखा था और आज रातको सपनमें तू खूब रोया था। गवाल ! सच कह । मैंने जो कुछ कहा है वह यथार्थ है या नहीं ?" गवाला बोला:"बिलकुल सही है। " उसके बाद सिद्धार्थने और भी कई ऐसी बातें कहीं जिन्हें सुनकर गवालको बड़ा अचरज हुआ। उसने गाँवमें जाकर कहा:"अपने गाँव के बाहर एक त्रिकालकी बात जाननेवाले महात्मा आये हैं। उन्होंने मुझे सब सच्ची सच्ची बातें बताई हैं।" लोग कौतुकसे फूल, अक्षत आदि पूजाका सामान लेकर महावीर स्वामीके पास आये। उन्हें देखकर सिद्धार्थ बोला:“क्या तुम मेरा चमत्कार देखने आये हो ?" लोगोंने कहा.-" हाँ।' तब सिद्धार्थने उन्हें कई ऐसी बातें बताई जिन्हें उन्होंने पहले देखीं, सनी या अनुभवी थीं। सिद्धार्थने कई भविष्यकी बातें भी बताई । इससे लोगोंने बड़े आदरके साथ प्रभुकी पूजा वंदना की । लोग चले गये । लोग इसी तरह कई दिन तक आते रहे और सिद्धार्थ उन्हें नई नई बातें बताता रहा । ___ एक बार गाँव के लोगोंने आकर कहा:-" महाराज ! हमारे गाँवमें एक
अच्छंदक नामका ज्योतिषी रहता है । वह भी आपकी तरह जानकार है।" सिद्धार्थ बोला:-“वह तो पाखंडी है । कुछ नहीं जानता । तुम्हारे जैसे भोले लोगोंको ठगकर पेट भरा करता है।" लोगोंने आकर अच्छंदकको कहाः-" अरे ! तू तो कुछ नहीं जानता। भूत, भविष्य और वर्तमानकी सारी बातें जाननेवाले महात्मा तो गाँवके बाहर ठहरे हुए हैं ।" यह सुन अपनी प्रतिष्ठाके नाशका खयालकर वह बोला:-“हे लोगो ! वास्तविक परमार्थको नहीं जाननेवाले तुम लोगोंके सामने ही वह बातें बनाता है। अगर वह मेरे सामने कुछ जानकारी जाहिर करे तो मैं समझू कि, वह सचमुच ही ज्ञाता है । मेरे साथ चलो । मैं तुम्हारे सामने ही आज उसका Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com