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होमक्रियनिथुरुषं निश्छन्दोरोमशार्यसम । क्षय्यामयाव्यपस्मारिश्चितृकुष्टिकलानिचर जो कुलसनक्रियासे हीनसत्पुरुषोंसेरहिनवेराध्ययन सेविमुखशरीर पर बड़े बड़े लोमअथवा बवासीरम यी वासीधामाशयमिरगी स्वेत कुष्ठ पोरगलितकुष्ट युक्त कुलोंकी कन्यायाबरके साथ विवाहनहोना चाहिये क्योकियहसबदर्पण औररोगबिवाहकर नियाले के कुल भी प्रविष्ट होजाते हैं इस वालेउ नम कुलके लड़के लड़कियोंकाअापसमें विवाह होना चाहिये॥२॥ नोहहेकपिलांकन्यानाऽधिकांगीनरोगिरणम् नालोमिकांनातिलोमानवाचावात्रपिंगलामध्यन नगेले वर्गा मालाना अधिकाडीपर्थान् पुरुयसेल म्ची चौड़ी अधिक बलवालीनरोगयुक्तानलोमरहिन नबहुनालोम वालीनयकवादकरनेवारीचौरभूरे । नित्रवालीनहो॥३॥ नरक्षनदीनाम्नींनान्स्यपर्वन नामिकाम् निपक्ष्यविप्रेष्यनाम्नीनचाभीषणनामिकाम निरक्ष अर्थात् अश्विनीभरती रोहणीदेई रेवती बाई चिनारि प्रादिनक्षत्रनाम वालीनुलसीगेंदागुलागे पाचमेली श्रादिरसनामवालीगंगायमुनानादि।
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