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________________ - की नाम रामी परजैसा असर होगा उसी के अनुक॥ ल दुख मुग्व होगा. उत्तर) यहबान केटीहै एकहीनाम के लाखोमा दमी होनेहैं हजारों इससमय बिमार हजारों भानन्दमे हैं और नामके उपरदुःख सुख पाया करेनो संसारमें कोई कभीभी दुरवीनहोने वाचे म्यांकि नामनो मावाप आदिसंबन्धियों का कलपनाकियाहुवा उसके पका रने शादि कारणों के वाले एक चिन्हहै फिर यहनो दुःख दूर करने का और सुख भोगनेकासहज उपाव हुवा सजब किसीने देखा कि मेरापुत्रगङ्गाराम विमार होगया और तोता राम मोटाताना घूमताहै। सगङ्गाराम का नाम बदल करताना राम रख दिया वह भी इनका कल्पना कियाहवाथा पोरयहभीड़ न्ही की कल्पनाहै फिर ज्योनियी जीके पत्र में क्याशे खचिली के मकबरेका नशा देखनाहै प्यारोंयहतो सबरकोसले बनो दारव मंगल से दोन बुधसे दुःख मुखनो मनुष्य को अपने कियेकर्म इस जन्म प्रयापू जन्म के अनुसार परमात्मा सबकोषपने म्यायन की सफलतासेभीभगवानाहै (प्रश्न ऐसा नहीं इसकी विधजन्मराशिपरमिलती है। उत्तर) यहभी इंटी बानहै एक क्षण संसार में | Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034854
Book TitleJain Aur Bauddh ka Bhed
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHermann Jacobi, Raja Sivaprasad
PublisherNavalkishor Munshi
Publication Year1897
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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