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________________ ॥ सत्यनाम ॥ -सद्गुरु कबीर गोरख संवादग्रंथ गर्भावलि। कबीर वचन-चौपाई। कहैं कबीर सुनो गोरख भाई, इन्द्री बांध मुक्ति किन पाई। सोइ साधन करो गोरख ऐसा, जासु मिटे गर्भ की त्रासा । गोरख वचन। गोरख कहै सुनो प्रभु मोरे, मैं लागत हुँ चरण तुहारे । गर्भ संदेश दया कर कहिजे, आपन जान भेद मोहि दीजे । कबोर वचन । गर्भ संदेश कहूं अस्थाई, लगन तत्त्व सब जुगत बताई । वार तिथि सबहि समुझाऊं, येहि भेद कोई विरले पाऊं । बूझहु भेद गर्भ संदेशा, वार तिथिका कहुं उपदेशा । जब जामें नारी गर्भ में नीरू, सोई तत्व खोजो कहैं कबीरु । वार तिथि लगन तब जाने, सो पूरा ज्ञानी गर्भ बखाने । सोई पूछ गर्भका लेखा, पूरा गुरु जो कहैं विवेखा । विना जुगत सबहि बहुरावा, फिर फिर गर्भवासमें आवा । लगन तत्वकी जुगत जो होई, गर्भ संदेश कहुं पुनि सोई । कहैं कबीर सुन गोरख सिद्धा, गर्भवास ऐसे कर बंधा । गोरख वचन । पूछ गोरख सुनो गुरु ज्ञानी, गर्भ संदेश मोहि कहो बखानी । कहो विवेक बतावो मूला, कैसे बंधे गर्भ अस्थूला । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034841
Book TitleGyan Swaroday
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKabir Sadguru
PublisherKabir Dharmvardhak Karyalay
Publication Year1949
Total Pages86
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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