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तत्त्व स्वरोदय
[ ४८ ] सोमवार को जल तत्व बहता है। शनिचरको आकाश तत्व घहता है।
सूर्य दिशा होय, सूर्यवार होय, सूर्य की तिथि होय, अग्नि तत्त्व वायु तत्व होय ऐसे लग्न में जो कोई शाप देय सो पूरा होय। ____ चन्द्रमा की तिथि होय, चन्द्रवार होय, चन्द्रपक्ष होय, चन्द्रस्वर होय, जल, पृथ्वी तत्त्व होय ऐसे लग्न में आशीष देय तो पूरी होय ।
रोग प्रमाण:-वायु तत्त्व में वायु होय जानिये। अग्नि तत्त्व में पित्त जानिये । जल तत्त्व में कफ जानिये । आकाश तत्त्व में मृत्यु जानिये । श्वास खींचते में प्रश्न करे तो सिद्ध होय । श्वास उतारते में प्रश्न करे तो सिद्ध न होय।
तत्त्व न मिले ताको विचार:-अष्ट कमलमें पांच तत्व की भाठी । सूर्य के दिन चन्द्रमा बहै तो उदासी होय । आकाश तत्त्व शीशमें, अग्नि तत्त्व ओठमें, वायु तत्व नाभिमें, जांघमें पृथ्वी तत्त्व । और जो कफ से गला सैंधा होय तो दोनों स्वर बंद करे तो कफ फट जाय ॥
॥ इति श्री तत्त्व स्वरोदय ग्रन्थ समाप्तः ।।
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