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[ ४५] चय के लिये मेरे लिखे “दान कल्प द्रुम" के संस्कृत उपोद्घातको देखनेकी जरुरत है) गिरिनार माहात्म्यके लेखक मि. दौलतचंद बी. ए. ने जेम्स बर्जसका प्रमाण लिखकर संग्राम सोनीकों दिल्लीपति बादशाह अकबरका समान कालीन बताने की कोशिश की है और लिखा है कि संग्राम सोनी शहर पाटणका रहनेवाला था बादशाह अक
बरका बडा सन्मान पात्र था, इतनाही नही बल्कि • शहनशाह अकबर संग्राम को “चचा" कहकर बुला
या करता था। इसमे सत्य गवेषणाके लिये उनके • लिखाये ग्रंथ-और उनकी भराई जिन प्रतिमाओंके लेख ही बस है. देखिये संग्राम सोनीके विषयों पूर्वाचार्य
क्या लिखते हैं। श्री उदयवल्लभसूरीश्वरपट्टे श्री ज्ञानसागरमूरिगुरवः कथं भूताः ? सत्यार्थाः, श्री विमलनाथचरित्र प्रमुखानेकनव्यग्रन्थलहरीप्रकटनात् सार्थकाहा येषां
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