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________________ ३–सूर्य पृथ्वी सहित अपने ग्रहमण्डल के साथ एक घंटे में ७.२०,००० मील घूमता है। ४–पृथ्वी अरबों वर्षों से पूर्व सूर्य से पृथक् बना हुअा एक ग्रह है। ५-इसका व्यास पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में सीमित है, इसका आकार नारंगी अथवा सेवफल के समान है। विज्ञान की इन धारणाओं ( Theory) पर ही आज अनेकानेक शोधकार्य हो रहे हैं । और रॉकेट चन्द्र, शुक्र और मंगल की ओर बढ़ रहे हैं, छः मास के रात-दिन जैसी अनेक बातों में पृथ्वी के घूमने के सिद्धान्त को ही केन्द्र माना जाता है। संक्षेप में आप जो कुछ पूछेगे उसका आज उत्तर दिया + कुछ वैज्ञानिक एक घण्टे में दस करोड़ मील को गति भो मानते हैं किन्तु वर्तमान समय में बहुमत ७,२०,००० मील को गति का ही है। * पृथ्वी का आकार कैसा है और यह किस आधार पर कहा जाता है, इसके लिये यथाशीघ्र एक सुविशव लेख पृथक् प्रस्तुत करने की भावना है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034780
Book TitleBhugol Vigyan Samiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRudradev Tripathi
PublisherPunamchand Panachand Shah
Publication Year1968
Total Pages46
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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