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१६२८ के वर्धा अधिवेशन के सभाध्यक्ष श्री० सेठ राजमल ललवानी Ex. M. L. A. (Central) ___ जन्म १८००/१८०६ में जामनेर के सेठ लखमीचन्दजी की गोद आये । तेजस्वी वक्ता । केन्द्रीय एसेम्बली दिल्ली में हिन्दी भाषा में भाषण करने का प्रारम्भ किया । लोकप्रिय कांग्रेसी । तालुका कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष । अापकी पाषाण मूर्ति जलगांव के टाउन हाल में स्थापित है। हजारों का वाषिक गुप्तदान करते हैं। साल में , मास दौरे पर रहते हैं। खेती की उन्नति, नई बस्ती बसाने का उत्साह है। सादा जीवन, विनम्र स्वभाव है।
१६३८ वरुड अमरावती अधिवेशन के सभाध्यक्ष
श्रीयुत् भैय्यालाल जैन, वैतुल निवासी जन्म १८६६, जिला वैतूल । मैट्रीकुलेशन परीक्षा १९१७ । म्युनिसिपल सेक्रेटरी वर्धा, १९२५ । स्थानीय जैन बोडिंग के अवैतनिक सुपरिन्टेंडेंट तथा मन्त्री।
१९४० यवतमाल अधिवेशन के सभाध्यक्ष
श्रीयुत् ऋषभ साव काले ( R. P. Kale ) मध्यप्रान्त में सर्वप्रथम अपना विवाह अन्तरजातीय महिला से किया।
१९४६ के इटारसी अधिवेशन के सभाध्यक्ष
श्रीयुत् साहु श्रेयांस प्रसाद जी बम्बई प्रसिद्ध कार्यकर्ता, । अनेक मिलों के, हवाई बहाज कम्पनी के बड़े हिस्सेदार, तथा प्रबन्धकर्ता। . उदार दानी।
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