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________________ वैयक्तिक सत्याग्रह में १५-१२-४० को एक साल की जेल भुगती। १.८.४२ को फिर गिरफ्तार हो गये और अक्टूबर १९४४ में छूटे। समाज-सेवा १९२१ में प्रागरा म्युनिसिपल बोर्ड के सीनियर वाइस चैरमैन निर्वाचित हुए। १९२३ में स्वराज्य पार्टी की तरफ से यू० पा. लेजिस्लेटिक काउन्सिल के सदस्य रहे. १९३५ में कांग्रेस की तरफ से आगरा म्युनिसिपैलिटी के सदस्य, १९३६ में लेजिस्लेटिव एसेम्बली के निर्वाचित सदस्य । १९३६ में आगरा कन्टून्मेंट बोर्ड के सदस्य निर्वाचित हुए । १९२० से १९३८ तक सिटी कांग्रेस कमेटी श्रागरा के प्रेसीडेन्ट । १९३१ से अब तक यू० पी० कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं। १९३६ में बालइन्डिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य निर्वाचित हुए। १९२४ की बाढ़ के कष्ट निवारण, १६२६ के विहार भूकम्प पीड़ितों के लिये कोष जमा किया और तन-मन-धन से सहायता की । १९२८ में "अचल ट्रस्ट" को नींव डाली; और १६१५ में १००१००) का ग्रामीण सेवा उद्देश्य से ट्रस्ट रजिस्टरो हो गया । धार्मिक उत्साह ११२१ के पहले से सेठजी ने चाम की बनी वस्तु का व्यवहार त्याग दिया है। १६२१ में अखिल भारतीय जीव दया प्रचारिणी सभा के सभापति निर्वाचित हुए। १९४५ में अखिल भारतीय पशु संरक्षिणी सभा की स्थापना की। विसका प्रथम अधिवेशन महाराजा साहिब भरतपुर की अध्यक्षता में हुआ। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034772
Book TitleBharat Jain Mahamandal ka Sankshipta Itihas 1899 to 1946
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjitprasad
PublisherBharat Jain Mahamandal Karyalay
Publication Year1947
Total Pages108
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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