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अधिकमास निर्णयः अधिकमास निर्णय किताब छपवाकर जाहिर किइगइहै, आपलोग ब-गौर दखिये! और सत्यका इम्तिहान किजिये !
३१-सवाल पहला, दो भादवे होनेपर आषाड चौमासीसे पचास दिन कब पुरे होतेहै. और वार्षिक पर्व (५०) में दिन या (४९) में दिन करना चाहिये, मगर ( ५१ ) में दिनकरनेवालोंको क्या! प्रायःछित आवे?
(जवाब ) जैनागम समवायांगसूत्रके प्रमाणसे (७०), दिन संवत्सरीके बाद बाकी रखना कहा, मगर (१००) दिन बाकी रखनेवालोंको क्या! प्रायःछित आवे? इस बातको
आपलोग सौचलिजिये. अब आपके पचास दिन उनंचास दिनका जवाब सुनिये! आषाड चौमासेकी चतुर्दशीसे भाद्रपद सुदी चतुर्थीतक अगर कोइ तीर्थ बढजातीहै तो जैसे वो गिनतीमें नहीं लेते. इसीतरह अधिक माहिनाभी वार्षिक पर्वकी अपेक्षा गिनतीमें नहीं लिया जाता. यह एक सिद्धि सडक है, जब दो आषाड आतेहै तब खरतरगछवालेभी पहले आषाडको चौमासानही बेठाते, दुसरे आषाडमें बेठातेहै. और पहले आषाडको चौमासी कर्तव्यमें छोड देतेहै. फिर दोनों मान्य कहांरहे?
३२-सवाल दुसरा, आप या आपके अनुयायी अधिकमाससंबंधी जैनशास्त्र मुजिब चलतेहै, या अन्य ? और जहां जहां जैनशास्त्रोमें आधिकमासका वर्णन आयाहै, वह स्वमतानुयायीहै. या अन्य? इसका खुलासा किजिये..
(जवाब.) इसीका खुलासा करताहुँ, सुनिये! जैनशास्त्रोमें जहां जहां अधिक माहिनेका वर्नन आताहै. वहां इत___Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com