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" समय करे नर क्या करे, समय समयकी बात,
अर्जुन खोई गोपियां, वही धनुष वही हात ।" इस समय यहांपर सिर्फ एक ही जैनमंदिर है, जिसका जीर्णोद्धार अभी हुआ है।
यहांसे विहार करके आप देलवाडेमें पधारे। देलवाडे में इस वक्त चार मंदिर हैं जो कि बडे ही सुंदर हैं। मंदिरों में सैंकडों ही जिनप्रतिमाएँ हैं, परन्तु पुजारियों का अधिकांश अभावसा है। यहांपर २०-२५ घर महात्माओंके हैं; ये लोग यतियों से बिगडकर गृहस्थी बने हैं और जैन धर्मका पालन करते हैं तथा मंदिरोंके प्रति कुछ प्रेम रखते हैं।
श्री करेडा तीर्थकी यात्रा " उवसमइ दुरियवग्गं, हरइ दुहं कुणइ सयलसुख्खाई। चिंतईयंपि फलं, साहइ पूआ जिणंदाण, ॥”
भावार्थ- जिनेश्वर देवकी पूजा, रोग, शोक और दुःखको दूर करती है, समस्त सुख यावत् मोक्ष सुख को देती है।"
देलवाडे के बाज़ारमें आपका सार्वजनिक उपदेश हुआ। आप यहां से अनेक ग्रामोंमें विचरते और धर्मोपदेश देते हुए करेड़ा तीर्थमें पधारे । करेड़ामें श्री पार्श्वनाथ प्रभुका बड़ा ही Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com