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( ४९ ) चतुर्मास के अनन्तर शेठ पानाचन्द वालजीके विशेष अनुरोधसे आपने उन्हींके मकानपर चतुर्मास बदला । इस खुशीमें उक्त शेठजीने २०१) रु. लायब्रेरी को दान दिया । इसके अलावा आपके उपदेशसे उक्त शेठजीने १५००) रु. श्री महावीर जैन विद्यालय बंबई को दिये । शेठजीके इस दानसे लोगों को बड़ा आश्चर्य हुआ। क्योंकि द्रव्यकी तो शेठजी के यहां कोई कमी नहीं थी परन्तु उदारता कम थी।
चौमासे के बाद शेठ छगनलालकी तर्फ से उपधान तप का बड़े विशाल रूपमें आयोजन हुआ जिसपर अनुमान १०,००० रु. का व्यय हुआ।
___ "गुरुदेव का आगमन." उपधान तपके अन्तमें मालारोपण के समय वेरावल श्री संघकी अत्यधिक प्रार्थना को मान देते हुए पूज्यगुरु महाराज श्री १०८ विजयवल्लभसूरिजी महाराजभी जुनागढ़से यहां पधारे।
आपश्री का प्रवेश कराते हुए वेरावल श्रीसंघने जिस श्रद्धाभक्तिसे उत्साहका परिचय दिया वह अपनी शान का एक ही था।
शेठ छगनलालजीने आपश्री को सच्चेमोतियों और मोहरों से बधाया। मालारोपण के दिनका धार्मिक उत्साह वेरावल
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