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( ४१ ) पर्याप्त रूपसे उत्तर देकर जनताके समक्ष अच्छी तरह ठंडा । कर दिया । तदुक्तम्
विरोधिवचसो मूकान् वागीशानपि कुर्वते । जडानप्यनुलोमार्थान् प्रवाचः कृतिनां गिरः ॥
" बदनावरश्रीसंघकी चतुर्मासके लिये दौड़धूप”
विविक्तवर्णाभरणा सुखश्रुतिः,
प्रसादयन्ती हृदयान्यपि द्विषाम् । प्रवर्तते नाकृतपुण्यकर्मणां,
प्रसन्नगंभीरपदा सरस्वती ॥ भाः-विविध प्रकार के श्रेष्ठ वचन द्वेषियों के हृदयों को भी प्रसन्न करते हैं । ___ आपके उपदेशने बदनावरकी जनतापर खूब प्रभाव डाला। वहां के श्री संघने निश्चय किया की चाहे कैसे भी हो, चतुर्मास तो आपका इसी स्थानमें होना चाहिये । इस निश्चय के अनुसार श्री संघने आपको चतुर्मास करने की पूरे आग्रहसे विनति की । इसके उत्तरमें आपने कहा कि श्री संघके इस प्रेमभरे आग्रहका मैं अनादर नहीं करता, परंतु मैंने बड़नगर के संघको बचन दे दिया है अतः चतु
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