________________
( ३६ ) पधारनेसे लोगों में धार्मिक भावना पुनः जागृत हो उठी । आप यहां करीब १५-२० रोज ठहरे आपके प्रतिदिन होनेवाले धर्मोपदेशका लोगोंके दिलोंपर बड़ाही प्रभाव पड़ा । चैत्र शुक्ला १३ के दिन भगवान् महावीर स्वामीका जन्मोत्सव बड़ी ही धूमधामसे मनाया गया । भगवान् महावीर स्वामी के जीवनपर आपका बड़ाही प्रभावपूर्ण व्याख्यान हुआ और श्रीनवपदजी की पूजा पढ़ाई गई । इस अवसर पर इन्दौर का श्रीसंघ आपसे इन्दौर पधारनेकी विनति करने के लिये आया। चैत्र शुक्ला १५ को श्री सिद्धाचल के पटकी सबने मिलकर बड़े समारोहसे यात्रा की । शा दयाराम खेमराजकी तर्फसे साधर्मिक-वात्सल्य किया गया। आपश्री के देव-पूजा आदि विषयों पर दिये गये व्याख्यानोंसे प्रभावित हो कर लोगोंने वीर जयन्ती के दिन सभा के समक्ष आपसे वासक्षेप ग्रहण किया और मंदिर बनवाने का निश्चय किया। यहांसे विहार करके आप इन्दौर में पधारे ।
'विरोधकी शान्ति' क्यों सो रहे हो? वीरपुत्रो ! वीरता धारण करो, संसार की समरस्थली में धीरता धारण करो । संसार सारा उठ खडा है एक होने के लिए, तुम भाई हो, बस एक होवो विजय पाने के लिए ॥१॥ इन्दौर शहर में आपका प्रवेश बड़ी धूमधाम से कराया
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com