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( ३४ ) यात्राका लाभ उठाया । यह तीर्थस्थान बड़ा प्राचीन है । वहांपर विराजमान श्री शांतिनाथ भगवानकी दिव्यमूर्ति, बड़ी चमत्कार पूर्ण बताई जाती है । यहां प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ला द्वितीयाको बड़ा भारी मेला लगता है। यह प्रभाविक तीर्थस्थान रतलामके पास ही है और दर्शनीय है ।
वहांकी यात्रा करके पंन्यास श्री सोहनविजयजी महाराज बड़नगरमें पधारे । यहां के श्री संघने आपका बड़ी श्रद्धाभक्तिसे स्वागत किया और नगरमें आपका प्रवेश भी बड़ी धूम-धामसे हुआ।
"मांडवगढकी यात्रा" बड़नगरमें आप कुछ दिन ठहरे । आपके धर्मोपदेश से प्रतिदिन सैंकडों मनुष्य लाभ उठाते थे। यद्यपि आपका इरादा जल्दी गुजरातमें श्रीगुरुमहाराजकी सेवामें पहुँचनेका था, मगर बड़नगर और उस प्रान्तके लोगोंका विशेष अनुरोध देखकर गुरु महाराजकी आज्ञासे आपने उधर जाना बन्द कर दिया।
बड़नगरके श्री संघने आपकी अध्यक्षतामें श्री मांडवगढ़ तीर्थकी यात्राके लिये एक संघ निकाला । उसमें १५०० के लगभग स्त्री-पुरुष संमिलित हुए थे। इस संघके साथ बदनावर, कानवन, और नागदा होते हुए आप "*धार" नगरमें पधारे।
*यह बड़ा प्राचीन और ऐतिहासिक नगर है। इस समय श्वेताम्बर आम्नायके जैनोंके तो यहां थोड़े ही घर हैं। एक प्राचीन मंदिर भी है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com