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(१४८) में पधारे । यहांपर आपका बहुत ही अच्छा स्वागत हुआ। यहांपर भी आपके उपदेशमें सभी वर्ग के मनुष्य आते रहे। वहां २० घर श्वेताम्बर जैनों के हैं । एक जैनमन्दिर और उपाश्रय है । आपके पधारनेसे यहांपर श्री आत्मानन्द जैन सभाकी स्थापना हुई, तथा कईएक प्रकारके सामाजिक सुधारोंके लिये प्रयत्न किये गये । चैत्र शुक्ला त्रयोदशीको प्रभु महावीर स्वामीकी जयन्ती बड़े समारोहसे मनाई गई। सभाके लिये रामलीलाके मकान को ध्वजापताकाओंसे खूब सजाया गया था । विज्ञापन बाँटे गये । नियत समय पर सभामंडप आदमियोंसे खचा खच भर गया ।ला. सागरचंदके भजनोंके बाद आपने भगवान महावीर और मूर्ति पूजा के सम्बन्ध में एक बड़ाही प्रभावशाली व्याख्यान दिया। लोगोंकी अधिक प्रार्थनासे एक भाषण आपने बाज़ार में दिया । जनताको आपके उपदेशसे आशातीत लाभ हुआ।
मालेरकोटला में॥ यहांसे विहार करके नाभा आदि नगरों में विचरते हुए आप मालेरकोटला में पहुंचे । कोटला निवासियोंने आपका बड़े समारोहसे अभिनन्दन किया। यहांपर ४०-५० घर श्वेताम्बर अग्रवाल जैनों के हैं। भगवान् के दो बड़े सुन्दर मन्दिर हैं तथा उपाश्रय भी है और अभी श्री आत्मानन्द
जैन हाईस्कूल का भी उद्घाटन हुआ है । यहांपर आपके Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com