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( १०७ ) एकत्रित होते हैं । सिखलोग इस मेलेमें अपने धर्मका खूब जोरशोरसे प्रचार करते हैं। ___ नगर और बाहरसे आये हुए लोगोंकी प्रार्थना स्वीकार करके आप वहांपर एक रोजके लिये ठहरे। हरसालकी भाँति इससाल भी बड़ा भारी मेला लगा। वहांपर एक तरफ नामधारी सिखों और दूसरी तरफ़ अकाली सिखोंकी सभा लगी हुई थी।
लोगोंकी अभ्यर्थना से प्रथम आप नामधारी सिखोंकी सभामें पधारे । उन लोगोंने आपका बड़े आदरसे स्वागत किया, तथा उपदेशके लिये आपसे प्रार्थना की।
आपने आत्मा-परमात्मा के स्वरूपका विवेचन करते हुए, उसकी प्राप्ति के साधन बतलाये । और आपने कहाकि,
बस एक आतमज्ञान है अमृतरसकी खान, और बात बक बक वचन झक २ मरना जान । __ आपका उपदेश अनुमान डेढ़ घंटे तक हुआ। जनता पर खूब प्रभाव पड़ा। आधे घंटे के करीब अकाली सिखों के जलसे में भी आपका उपदेश हुआ। अन्तमें आपने फरमाया कि,
नान्यः पन्था विद्यतेऽयनाय ।
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