________________
(७५) चर्चा करने के लिये आते रहे, और आप उनको संतुष्ट करनेका भरसक प्रयत्न करते रहे । सुजानगढ़से विहार करके राजुल, देसरादि ग्रामोंमें विचरते हुए आप सरदार शहर में पधारे।
- सरदार शहर बीकानेर स्टेटमें एक अच्छा धनाढ्य शहर गिना जाता है। यहांपर लगभग १३०० घर ओसवालोंके हैं जो सबके सब तेरहपंथी मतके मानने वाले हैं। यहां पर प्राचीन २ जिनमन्दिर हैं । जिस वक्त आप सरदार शहर में पधारे, उसवक्त तेरहपंथियोंके गुरु पूज्य कालूरामजी भी अपने ८०-९० साधुओंके साथ यहां पर मौजूदथे । उनदिनों उनका पाट महोत्सव था, इसलिये बाहिर से भी हज़ारोंकी संख्यामें उनके भक्त लोग आये हुए थे ।आपके पधारनेसे उनके कैम्पमें एकाएक हलचल मचगई, परन्तु आपकी भद्रमुद्राको देखकर सब चकित से भी रह गये ।
सरदार शहरमें संवेगी साधुओंका आना, बिलकुल नई बात थी। वे लोग तरह २ की बातें करने लगे । सरदार शहर में आते हुए रास्ते में भी कई लोगोंने आपसे आश्चर्यकारी अनेक प्रकारके कुतर्क किये । परन्तु आप शांत चित्तसें उन सब कुतकों का सचोट उत्तर देते रहे । जिसरोज़ आपको सरदार शहरमें पधारनाथा उससे एक रोज़ पहले बीकानेरके सेठ सुमेरमलजी सुराणा, सेठ पूनमचन्दजी सावणसुखा, सेठ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com