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त्तियस्स० कप्पइ एगे उसिणोदए वियडे पडिगाहेत्तए, से वि य णं असित्थे णो वि य णं सैसित्थे॥२४९॥ वासावासं पज्जोसवि० भत्तपतियाइक्खियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणोदए पडिगाहित्तए, से वि य णं असित्थे नो चेव णं ससित्थे, से वि य णं परिपृते नो चेव णं अपरिपूए, से वि य णं परिमिए नो चेव णं अपरिमिए ।से वि ये णं बहुसंपण्णे नो चेव णं अबहुसंपण्णे- ॥२५०॥
वासावासं पज्जोसवि० संखादत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति पंच दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहित्तए पंच पाणगस्स, अहवा चत्तारि भोयणस्त पंच पाणगस्स, अहवा पंच भोयणस्म चत्तारि पाणगस्स, तत्थ णं एगा दत्ती लोणासायणमेत्तमवि पडिग्गाहिया सिया कप्पइ से तदिवसं तेणेव भत्तटेणं पज्जोसवित्तए, नो से कप्पइ दोचं पि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्वमित्तए वा पविसित्तए वा ॥ २५१ ॥
वासावासं पज्जोसवियाणं नो से कप्पति निग्गंथाण वा निग्गथीण वा जाव उवस्सयाओ सत्तघरंतरं संखडिसनियट्टचारिस्स ऍतए। -एँगे पुण एवमासु-नो कप्पइ जाव उवस्याओ परेणं संखडि सन्नियट्टचारिस्स एत्तए- । एगे पुण एवमाहंसु-नो कप्पड़ जाव उवस्मयाओ परंपरेण संखडि सन्नियट्टचारिस्स एत्तए ॥२५२ ॥
वासावासं पज्जोसवि० नो कप्पइ पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स कणगफुसियमित्तमवि वुट्टिकायंसि निवयमाणंसि गाहावइकुलं भत्ताए
उसिणवियडे पटि० ख-ग। उसिणे षिय पडि घ-च। उसिणव पडि छ । २ससिस्थप ग-॥ ३ भत्तपाणपटि० च-छ॥४उमिणदवे पडि०॥५ - पतमिरमध्यगतः पाठः छ एवं ॥ ६ कुलं पिंडवायपडियाप निक्ख छ।। ७पत्तप, एग एघमाहरु । एगे पुण च-छ॥८- पतच्चिद्वान्तर्गतः पाठः नास्ति सर्वत्र॥ ९०स्स जति किंचि कणग० च-छ। १० माणसि पोस वित्तए। नो कप्पर अगिहसिक क॥
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