________________ 80] विमान-वत्यु [711 .. सो देवपुत्तो अत्तमनो मोग्गल्लानेन पुच्छितो / पञ्हं पुढो वियाकासि यस्स कम्मस्सिदं फलं // 5 // दुन्निक्खित्तं मालं सुनिक्खिपित्वा पतिट्ठपेत्वा सुगतस्स थूपे / महिद्धिको चम्हि महानुभावो दिब्बेहि कामेहि समङिगभूतो // 6 // तेन मे तादिसो वण्णो तेन मे इधमिज्झति / उप्पज्जन्ति च मे भोगा ये केचि मनसो पिया // 7 // तेनम्हि एवं जलितानुभावो वण्णो च मे सब्बदिसा पभासतीति // 8 // सुनिक्खित्तविमानं एकादसमं // 11 // उद्दान-- / दलिद्दा द्वे विहारा मतको गोपाजकन्यका / अनेकवण्ण-मत्त कुण्डली मेरिस्सको सुनिक्खित्तं पुरिसानं सत्तमो वग्गो ति : भाणवार चतुत्थं // 4 // Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara Surat www.umaragyanbhandar.com