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श्वेताम्बर तेरापंथ-मत समीक्षा ।
७ तुम्हारे पूज्यके पार्ट-पट्टे सावियाँ, बिछाती हैं, यह कौन जैनसूत्रके आधारसे ?
८ तुम्हारे साधु, साध्वियोंके पास गोचरी मँगवाकर आहार करते हैं, यह कौनसे सूत्रके आधारसे ?
९ तुम्हारे साधु, हलवाईयोंकी कडाइ वगैरहके धोए हुए, गृहस्थोंके रसोईके बलतणोंके धोए हुए पानीको, जिसमें असंख्य जीव उत्पन्न हुए होते हैं, पीते हैं, यह किस सूत्रके आधारसे ?
१. तुम्हारे साधु, अनारके दाने वगैरह सचित्त फलोंको खाते हैं यह किस सूत्रके आधारसे ?।
११ तुम्हारे साधु, विहारमें गाँच २ साध्वियोंको साथ रखते हैं, यह किस सूत्रके आधारसे ?
१२ तेरापंथी साधु, गृहस्थोंके बालकोंको विद्या पढानेसे रोकते हैं, इसका क्या कारण है ?।
१३ तुम्हारे साधु, गृहस्थों को इस प्रकारकी बाधा देते हैं कि-'हमारे सिवाय दूसरे साधुओंको आहार-पानी न देना' यह किस सूत्रके आधारसे ?।
१४ तुम्हारे साधु, रात्रिको पानी नहीं रखते हैं, तो फिर कभी बडीनिति (जंगल) जाना पडे, तो अशुद्ध जगहको साफ कैसे करते हैं ? अगर कहोगे कि-मूत्रसे साफ करते हैं, तो ऐसा करना किस सूत्रमें कहा है ?।
१५ तुम्हारे साधु, गृहस्थोंका झूठा आहार तथा झूठा पानी ले करके खाते-पीते हैं, यह किस सूत्रके आधारसे ।।
१६ तुम्हारे साधु, रात्रिके दस २ बजे तक गृहस्थनियों
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