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* ॐ * * श्री जिनाय नमः
साध्वी व्याख्यान निर्णयः
लेखक
श्रीमान् महोपाध्याय श्री सुमतिसागरजी महाराज के
लघु शिष्य श्री मणिसागर सूरिजी महाराज
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साध्वियों को सूचित किया जाता है कि साधुओं की तरह साध्वियों को भी श्रावक-श्राविकाओं की सभा में धर्मदेशना देने का अधिकार है जिसके शास्त्रीय प्रमाण इस ग्रन्थ में संग्रहित हैं तथा शंकाओं का समाधान भी किया गया है । कोई व्यक्ति इसका निषेध करने का आग्रह करे तो उसे न मानो और दिल खोलकर ज्ञानवृद्धि करो और धर्मोपदेश दिया करो ।
प्रकाशक
तु श्री हिन्दी जैनागम प्रकाशक सुमति कार्यालय, जैन प्रेस, कोटा
द्रव्य सहायकPा श्रीमती-प्रवर्तिनी प्रतापश्रीजी-चम्पाश्रीजी-वल्लभश्रीजी-प्रमोदश्रीजी के उपदेश से हम
श्राविका संघ फलौदी ( मारवाड़) Pass वीर सं० २४७२ ]
सन् १६४६ ई०
[विक्रम सं० २००३ BOY प्रथमावृत्ति ] जैन प्रिंटिंग प्रेस, कोटा में मुद्रित। [मूल्य सत्य ग्रहण
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