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________________ नं.६ पंडिता जमनाबाइनो अभिप्राय. रा. रा. स्नेही बन्धुवर्य-प्राणजीवन जगजीवन मेहेता. चीफ मेडीकल ऑफिसर, साहेब. मु. धरमपुर. नमस्कार साथे लखवान के पशुवध विषेनी बाबत आपे थोडा दहाडा अगाउ प्रगट करवी जोइती हती. आपने आवती अमावास्या सुधीमां उत्तरो जोइए छीए. ए मुदत घणीज टुंकी छे. अने प्रसिद्ध करेला प्रश्नोनो विषय घणोज विस्तीर्ण, विचारणीय अने विवादास्पद छे. हुं दिलगीर छु के वखत घणोज टुंको रह्यो. नहीं तर त्यां आवीने आ विषयपर एक लंबाणथी व्याख्यान आपत. आविषयना संबंधमां मारे घणुंज लखवानुं छे. परंतु कालनो अवकाश घणो ज थोडो होवाथी अने नानी मोटी उपाधिओ जारी होवाने लीधे तेम बनी शकयुं नथी. आपनी विशेष जीज्ञासा हशे तो पाछळथी तेम करवामां आवशे. हाल तो आपना प्रश्नोनो टुकमां खुलासो आपी ते विषे केटलोएक मारो अभिप्राय, ठराव अने विज्ञप्ति जाहेर करूं छु. आपनी सहीथी ता. २३-९-९४ना — गुजराती ' न्यूस रेपरमां बलेव तथा दशेरा वगेरे पर्वोमां देवीने के देवने भोग आपवाना निमित्तथी ने पशुवध थतो इतो अने थाय छे. ए रुढि प्रवेशY कारण शुं ? अने राजाओने माटे ते केम अवश्य कार्य थई पत्यु छ ? ए खुलासो मागवा आप सात प्रश्नोना उत्तर माग्या छे. ते उत्तर क्रमवार नीचे प्रमाणे छे. १-दशरा वगेरे पर्वोमां पशुहिंसा करवानुं खास कोइ धर्मशास्त्रनुं फरमान नथी. २-कालीतंत्र, कुलार्णवतंत्र-अने रुद्रयामल तंत्र वगेरे कौल ग्रन्थोमां हिंसानुं प्रतिपादन कदाच होय पण तेवा ग्रंथो सर्वमान्य के बहुमान्य गणांता नथी. अने तेवा शाक्त लोकोना ग्रंथो छपाइ प्रसिद्धिमां आव्या नथी के जे विषे पूरती छूटथी लखी शकाय. __३-हालमा बहुमान्य अने सर्वमान्य श्रुति अने स्मृति छे. तेमां अनेक जगोए हिंसानो निषेध करेलो जोवामां आवे छे. नहिंस्यात्सर्वभूतानि ॥ सर्व प्राणीओनी हिंसा करवी नहीं. ए श्रुतिनुं प्रमाण सर्व प्रमाणोथी बलवत्तर छे. ॥ सर्व पदं हस्तिपदे निमग्नं ए न्यायने अनुसरशो तो पछी बजिा पूरावानी जरुर नथी स्मृतिमां पण लखे छे के ॥ हिंसारतश्चयोनित्यं नेहाऽसौ सुखमेधते ॥ अर्थ-हिंसा करवामां प्रीतिवालो पुरुष कोइ दिवस सुख मेलवतो नथी " यजुर्वेदना घणा मंत्रमा पशुओना रक्षणने माटे प्रार्थनाओ करवामां आवेली छे. ४-राजाओने तो ए अवश्य त्याज्य छे. कारण के राजा जो पर्वने दिवसे हिंसा करशे के करावशे तो पछी प्रजा तो तेम करवामां मुद्दल अचकाशे नहीं. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034575
Book TitlePashu Vadhna Sandarbhma Hindu Shastra Shu Kahe Che
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year
Total Pages309
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Gujarati, Book_Devnagari, & Book_English
File Size24 MB
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