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वैर लइए ? एबुं नारदे ते प्राचीन बर्हि राजाने प्रत्यक्ष देखाडयुं हतुं. अने पछीथी पोतानी भूल कबूल करी यज्ञ करवा बंध कर्या अने नारदना उपदेशथी बची गयो. सहस्रार्जुने यज्ञ कर्यो त्यारपछी तरतज जमदग्नि साथे वैर थयुं ने तेनो नाश थयो. एटलुंन नहीं पण तेना छांटा बीजाथी स्त्रियोने उड्या ने एकवीशवार नक्षत्री पृथ्वी थई ते एन परिणाम होय एम जणाय छे. तथा पांडवोओए राजसूय यज्ञ कों ने त्यार पछीथीन तेमनी विपरीत बुद्धि थई, दुर्योधन- हास्य कयु, जूगटुं रम्या तेथी राजपाट खोइ बेठा अने बार वरस वनवास भोगववो पडयो एम महा हेरान थई गया. तथा महाभारत युद्ध थयुं, तेमां श्रीकृष्णनी सहायताथी पांडवो बची गया. पण ए महाभारतना युद्धथी बहुन नुकशान थयु. महाभारतना युद्ध पहेलां एकज धर्म हतो. पण ए महाभारत युद्ध थया पछी राजाओमां कुसंप पेठो. सार्वजनिक हित विचारवानू बाजुपर रह्यु. अने ए कुसंप वधतो जतां माहोमांहे वढी मुआ अनेक जातना धर्मो नीकळया तेमां पण लडाइओ थईने खराब थई गया. अने तेनां मूळ एटलां बधां उंडां पेशी गयां के हाल आपणा घरमां पण एकसंप नथी. एटले सुधीनी स्थितिमां आपणे हाल आवी गया छइए; ते ज्यां सूधी आपणे एकसंप नहीं थवाना तथा सार्वजनिक हित तरफ लक्ष राखी तेवां कार्यों नहीं करीए त्यां सूधी उन्नति थवी मुश्केल छे. आ थोडं मार्छ परिणाम छे ? आथी बीजुं माठु परिणाम शुं ? कारण के विनाशकाले विपरीतबुद्धिः विनाश काळे विपरीत बुद्धि थाय छे. ए प्रमाणे विपरीत बुद्धि थइने एनां फळ आपणेहज़ भोगवीए छीए. वळी कयुं छे के बुद्धि यस्य बलं तस्य निर्बुद्धेश्व कुतो बलं अर्थ-जेने सारी बुद्धि तेज बळवान् छे. बुद्धि रहित क्याथी बळवान् थाय ? अने ते बुद्धि कर्मानुसार छे. जुओ बुद्धिः कर्मानुसारिणी. बुद्धि कर्मने अनुसार थई ( बगडी ) अने तेथोन एवां माठां परिणामो आव्यां जणाय छे. तथा बीजा राजाओ जेमणे जेमणे ए कृत्यो कर्या तेमने पछीथी बहु खराबी थई छे ते तेमना इतिहासपरथी जणाय छे. ज्यारे आ यज्ञ कर्ममां एवी खराबी छे त्यारे यज्ञ कर्म सिवाय पशु बलि आपवाथी नुकशान थाय तेमां शुं नवाई ? वळी कृष्ण सरखा जेना सहाय करनार तेमने पण नुकशान थयु. त्यारे हालना साधारण राजाओने नुकशान थाय तेमां शुं आश्चर्य? अने ए नुकशान तो यज्ञोथी एटले शुक्ल कृष्ण कर्म करवाथी थयु. शुक्ल कृष्ण कर्म ए के जेमां पुण्य अने पाप बन्ने होय ते. ए शुक्लकृष्ण कर्मथी नुकशान थयुं त्यारे पशुबलि जे केवळ कृष्णकर्म तेनाथी तो फायदो क्याथीज थशे? माटे ए अत्यंत निषिद्ध जणाय छे. वळी दैत्योनां राज गयां, अने तेओ पायमाल थई गया ते तेथीज हशे, एम जणाय छे. माटे पशुबलि आपQ अत्यंत निषेध जणाय छे. कारण के एओए एवां कृत्यो बहु क- होय एम संभळाय छे. आहीं सुधीनी वचमां आ उपर लखेल वधार.)
(४) सूक्ष्म बुद्धिए प्रत्यक्ष प्रमाणमां तेनुं नुकशान जुओ अहीं सूक्ष्म बुद्धिथी अनुमान प्रमाण आपेल छ; अने त्यां महान् नुकशान थाय छे ते बताव्युं छे, तेथी आंही ए लखतो नथी. (आ वधार.) तथा दैत्यो अने राक्षसोने एम अकृत्य करवाथी थयेल छे. ( आ मेळवी देवू.)
लि. भट्ट वैजनाथ मोतीरामना जय सच्चिदानंद.
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