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________________ १८ हिंदुओमां कोई बलवान् शास्त्र नथी तेथी ए कर्मो करवानी जरुर नथी; एटलुंज नहि पण ते कर्याधी शास्त्र आज्ञा भंग कर्या बराबर गणायछे. हालमां कोई पंडित वा विद्वान् आपने ए बाबत वेदमां विधिछे एवं बतावे तो आपे कृपा करी तेना प्रमाणमां बतावेला वेद मंत्रो जे होय अने ते एज विधिने लागु पडेछे, एवी साक्षी बताऩवा वेदोना अंगो उपांगोमांथी प्रमाण आपी ते मंत्रोनो अर्थ करी बतावे तो कृपा करी ते वर्तमान पत्रोमां आ प्रश्नो प्रमाणेज छपावी जाहेरमां विचार थवा माटे मूकवा के जेथी एमां सत्य असत्य शुं छे? ते जणाई आवे अने ते वचनो जो भूलो खवराववा माट कोईए खेंचताण करी अर्थान्तर करवाना हेतुथी वापरेलां होय तो तेनो पण रदीयो आपी शकाय. प्रियमित्रवर! हुं क्षत्रिय जातिनो धर्मजिज्ञासु मनुष्य छं अने ए बाबत जे मारा विचारमां सिद्ध थयेलुं ते में आ पत्रद्वाराए आपनी समक्ष रजु कीधुं छे. तो पण हुं मानुष्यी धर्म एवो मानुं हुं के सत्य ग्रहण करवाने अने असत्यनो त्याग करवाने सर्व समजु मनुष्ये तैयार रहेवुं जोईए. तेथी धर्म अधर्मना विचारमां हार जीतनी वात दूर मूकी सत्य ग्रहण करवानी निष्टा ज्यां सुधी प्रथम थती नथी त्यां सुधी सत्यासत्यनो निर्णय धई शकतो नथी तेथी प्रत्येक मनुष्ये खुल्ला दिलथी ए बाबत लेवी जोईए अने ते लईनेज वाद विवाद कर्याथी फायदो थाय. परन्तु ए पहेलांना ने हालना पंडितोमा सर्वमान्य न होवाथी हुं आवा प्रकारना वादमांज उतरतो नथी; परन्तु एथी कांई फल निष्पन्न धशे एम मने जणायुं तेथी आ पत्र द्वारा ए आपने परिश्रम आप्यो छे. ए क्षमा करशो अने कई प्रमाण वेद मंत्रोनां ए क्रियानी पुष्टिमां आप तरफ आवेलां होय तो कृपा करी मने मोकलवानी 99 कृपा करशो " सुज्ञेषु किंबहुना Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat कृषाकांक्षी हुं हुं आपनो सेवकलाल करसनदास. www.umaragyanbhandar.com
SR No.034575
Book TitlePashu Vadhna Sandarbhma Hindu Shastra Shu Kahe Che
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year
Total Pages309
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Gujarati, Book_Devnagari, & Book_English
File Size24 MB
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