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________________ करवाभां अमारे पण कई श्रेय छे एम विचारी तेने अन्तरिक्षथी थता विघ्नो दूर करे छे. तेना बदलामा मनुष्ये [ द्विजे] वेदशास्त्रना मंत्रसहित दरेक देवनुं पूजन करवं. अने धूपदीप अने नैवेद्य अर्पण करवां ते दरेक द्विजनुं कर्तव्य छे. परन्तु अन्य देवोर्नु उपासन न करवं. साथी के तेम करवाथी मोक्ष नथी मळतो पण वारंवार अवतार धारण करवा पडे छे. वास्ते विद्वान् पुरुषे हिंसानो अवश्य त्याग करवो, अने वगर समजे जे हिंसाथी देवनिमित्त कर्मों करे छे ते देव अने कर्म करनारा बंने पाप भागी थई नुकशानीने पामे छे. जेम के रामकथामां एक प्रत्यक्ष प्रमाण छे. जेम राम लक्ष्मणने अहिरावण तथा महिरावण पाताळमां हरी गया अने वगर समजे देवीने हिंसक बलीदान देवानुं शरु कयु हतुं तो ते महिरावणना अकृत्यर्नु पाप देवीने पण सहन करवू पड्यु. केम के हनुमानजी देवीने पातालमा दाबी तेनी जग्यापर बेठा ने महिरावण जेवा महापराक्रमी पुरुषनो पण नाश थई गयो. पण अगाउथीज विचार करी हिंसादि कर्म न कयें होत तो विभीषण जेवी उत्तम गतिने पामी जात. माटेज पापरूपी तलीया वगरना नावमां जे कोई बेसे तो पछी भले देव होय के दानव अथवा रंक के राजा होय तो पण अकाळ मृत्युने तरतज पामे छे. माटे पुण्यरूपी नावमां बेसी स्वकर्मरूपी हलेसाथी हंकारवा मांडो तो भवसागररूपी समुद्र सहज तराय छे. द्विजनुं खरं कर्म नीचे प्रमाणे जणाववामां आवे छे. मीता अ. १७ मो. तदित्यनभिसंधाय, फलं यज्ञतपःक्रियाः। दानक्रियाश्च विविधा, क्रियन्ते मोक्षकांक्षिभिः ॥२५॥ भावार्थ-मोक्षने इच्छनाराओए तत् ए शब्द- उच्चारण करीने फळनी इच्छा न राखी यज्ञ अने तपरूप क्रियाओ तथा जूदा जूदा प्रकारनी दान क्रियाओ कराय छे. हवे तप केवी रीते कर. गीता अ. १७ श्लोक १९. देवद्विजगुरुप्राज्ञपूजनं शौचमार्जवम् । ब्रह्मचर्यमहिंसा च शारीरं तप उच्यते ॥ १६ ॥ अर्थ-देव, द्विज, गुरु, अने प्राशनुं पूजन, शरीरनी प्रवित्रता, सरलता भाचर्य बने अहिंसा [ ९ सर्व ] शरीरसंबंधी तप कहेवाय छे. हवे वृत्ति केवी राखवी, ते विषे श्रीभगवान् कहै छै. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034575
Book TitlePashu Vadhna Sandarbhma Hindu Shastra Shu Kahe Che
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year
Total Pages309
LanguageGujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Gujarati, Book_Devnagari, & Book_English
File Size24 MB
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