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________________ 500200 sette to testoste so soriastasissoo ग्रोसवालोत्पत्ति विषयक शंकाओं का समाधान । ** ओसवाल जाति की उत्पत्ति - उपकेशपुर (ओशियो ) नगर में आचार्य रत्नप्रभसूरि द्वारा हुई इसमें तो पुराने और नये विचार वाले सब सहमत है पर इस घटना का समय के विषय में थोड़ा बहुत मतभेद अवश्य है कारण जैनाचार्य जैनग्रन्थ जैन पट्टावलियों और जैन वंशावलियों का मत है कि ओसवालों की उत्पत्ति का समय वि० सं० पूर्व ४०० वर्षों का है जब नये विचार वालों का मत है कि इस घटना का समय विक्रम की पञ्चमी शताब्दी के आस पास का है इसी मत भेद का निर्णय प्राचीन एवं अर्वाचीन प्रमाणों द्वारा खूब शोध खोज के साथ किया गया है साथ में आधुनिक कई लोग शंकाएँ करते हैं उनका समाधान भी प्रमाणिक प्रमाणों द्वारा किया गया है आशा है कि पाठक वर्ग इस किताब को एक बार आद्योपान्त पढ़ के अवश्य लाभ उठावेंगे । केवल खर्चा का दो आना आने पर पुस्तक भेंट भेजी जायगी पुस्तक मंगाने के पते (१) श्री रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला मु० फलोदी (मारवाड़ ) (२) श्री जैन श्वेताम्बर सभा मु० पीपाड़ सीटी ( मारवाड़ ) (३) आदर्श प्रेस केसरगंज, अजमेर 6 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034570
Book TitleOswal Vansh Sthapak Adyacharya Ratnaprabhsuriji Ka Jayanti Mahotsav
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherRatnaprabhakar Gyanpushpamala
Publication Year
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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