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विजय विज्ञानसूरीश्वरजी के शिष्य-रत्न सिद्धान्त-साहित्य प्रेमी व्याख्यान - वाचस्पति मुनि पुंगव श्री वल्लभविजयजी महाराज का जिनकी प्रेरणा, सहयोग और समुत्साह से यह पुस्तक लिखी गई और सदुपदेश से छुपकर प्रकाशित हुई जो आज आप लोगों के कर-कमलों में सप्रेम उपहार के लिये प्रस्तुत है, इति शिवम् |
विनीत-निवेदक:मङ्गाधर मिश्र, शास्त्री |
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