________________
मारवाड़ का इतिहास
(७) लोगों में निकलने वाली जोड़ करीब पचास
राज्य की कुछ पुरानी रकमें, जिनकी लाख के थी, माफ़ करदी गईं ।
इसी रोज़ महाराजा साहब ने नगर के नए विशाल अस्पताल की नींव का पत्थर रक्खा । इसके बनाने के लिये दस लाख रुपयों की मंजूरी दी गई थी और इसके सामान के लिये डेढ लाख का और इसके वार्षिक ख़र्च के लिये बाईस हज़ार का अंदाज़ किया गया था ।
पौष सुदि १ ( ई० स० १६३० की १ जनवरी) को गवर्नमैन्ट ने महाराजा साहब को जी. सी. आई. ई. के ख़िताब भूषित किया ।
माघ वदि १२ ( ई० स० १९३० की २६ जनवरी) को 'फील्ड मार्शल' ऐलन्बी (Viscount Allenby, G. C. B., G. C. M. G, etc.), मय अपनी पत्नी के, जोधपुर आया और दूसरे दिन उसने, महाराजा साहब को साथ लेकर, राजकीय सेनाओं का निरीक्षण किया । यूरोपीय महायुद्ध के समय जोधपुर का सरदार रिसाला, उसकी अध्यक्षता में, पैलेस्टाइन में वीरता के अनेक कार्य कर चुका था । इसी से तीसरे दिन राजकीय भोज (State Banquet) के समय उसने जोधपुर के रिसाले की बड़ी प्रशंसा की और कहा कि - " जॉर्डन की घाटी ( Jorden Valley ), हैफा (Haifa) और अलेप्पो ( Alleppo) के युद्धों में किए कार्यों के कारण इतिहास में इस रिसाले का नाम अवश्य ही आदर का स्थान प्राप्त करेगा ।
१. इस अस्पताल का नक्शा मिस्टर जॉर्ज ( Walter George ) ने बनाया था और इसमें २४० बीमारों के रहने का स्थान रक्खा गया था । इससे पूर्व करीब पांच लाख की लागत से अस्पताल का एक बड़ा भवन और भी बन चुका था । परन्तु उसके नगर से दूर होने आदि अन्य अनेक कारणों से वह पुलिस के महकमे के हवाले करदिया गया ।
२. माघ वदि ३० ( ई० स० १६३० की २४ जनवरी) को 'फ़ील्ड मार्शल' ऐलन्बी लौट गया । माघ वदि १४ ( २८ जनवरी) को भारतीय राजस्थानी सेनाओं का मुख्य परामर्शदाता (Military Adviser in Chief of Indian State Forces.) मेजर जनरल बेटी (G. A. H. Beatty, C. B., C. S. I., C. M. G. D. SO ) भी यहां आगया था । वह भी चौथे दिन लौट गया।
चैत्र वदि ३ ( १७ मार्च) को फौजी लाट 'फील्ड मार्शल,' लॉर्ड बर्डवुड ( His Excellency Field Marshall Lord Birdwood, Commander-in-Chief), हवाई जहाज़ द्वारा दिल्ली से जामनगर जाते हुए, यहां आया, और वहां से लौटते समय चैत्र वदि ६ (२० मार्च ) को भी यहां एक दिन ठहर कर दूसरे दिन दिल्ली चला गया ।
५६२
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com