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महाराजा उमेदसिंहजी इसके अलावा हैफ़ा ही एक ऐसा नगर था, जिस पर बिना किसी अन्य प्रकार की सहायता के केवल रिसाले के आक्रमण से अधिकार किया गया था ।"
माघ सुदि ३ ( १ फरवरी) को महाराजा साहब, 'पोलो' के लिये, लखनऊ गए और वहां से दिल्ली जाकर नरेन्द्र मंडल की सभा में सम्मिलित हुए । इसके बाद गरमी का मौसम आ जाने से, वि० सं० १९८७ की वैशाख वदि १ ( १४ अप्रेल ) को, आप उटकमंड चले गए और सावन वदि १० ( २१ जुलाई ) को वहां से लौट कर आए ।
कार्तिक (अक्टोबर ) में महाराजा साहब ने जालोर और जसवंतपुरे का दौरा
किया ।
वि० सं० १९८७ की पौष वदि १ ( ई० स० १९३० की १४ दिसंबर) को महाराजा साहब के यहां महाराज - कुमारी साहबा का जन्म हुआ ।
वि० सं० १९८७ की फागुन सुदि १ ( ई० स० १९३१ की २६ और २७ फ़रवरी) को होनेवाली मनुष्य- गणना में मारवाड़ की जन संख्या २१,२५,६८२ गिनी गई ।
० स० १९३१ की मार्च में महाराजा साहब दिल्ली जाकर नरेन्द्र - मंडल में सम्मिलित हुए ।
वैशाख वदि १२ ( १३ अप्रेल ) को लैफ्टिनेंट कर्नल विंढम ( C. J. Windham.) ने, जो राजकीय काउंसिल का उपाध्यक्ष ( Vice President . ) था, दरबार की सेवा से अवसर ग्रहण करेलिया । इस पर सावन सुदि २ ( १५ अगस्त) को, उसके स्थान पर कुँवर महाराजसिंह (बार- ऐट-लॉ, सी. आई. ई., कमिश्नर इलाहबाद डिविजन, युनाइटेड प्रोविंसेज ) 'काउंसिल' का उपाध्यक्ष बनाया गया ।
वि० सं० १९८७ की आषाढ वदि १३ ( २४ जून ) को राम्रो बहादुर रावराजा नरपतसिंह चार मास की छुट्टी पर गया और कार्तिक सुदि ६ ( २७ अक्टोबर ) को वापस लौट आया ।
भादों वदि ७ ( १६ अगस्त) को महाराजा साहब अपने मातामह (नाना ) महाराना फतैसिंहजी की मातमपुरसी के लिये उदयपुर गए ।
१. वैशाख वदि १४ ( १६ अप्रेल ) को महाराजा साहब जाते हुए वायसराय लार्ड इर्विन से औरते हुए लार्ड विलिंग्डन से मिलने बंबई गए ।
द्वितीय आषाढ सुदि ४ ( १६ जुलाई ) को मिस्टर मैकैज़ी (D. G. Mackenzie, I. C. S., C. I. E.,) यहां का रैज़ीडेंट नियुक्त हुआ ।
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