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________________ महाराजा उमेदसिंहजी नींव रखी । इस शुभ अवसर पर दरबार की तरफ़ से जिन बातों की घोषणा की गई थी वे इस प्रकार थीं: (१) पुराने जागीरदार के मरने और उसके उत्तराधिकारी के गद्दी पर बैठने के बीच होनेवाली जागीर की अस्थायी जन्ती बंद करदी गई। (२) एक हजार तक की रेखवाले जागीरदारों पर निकलनेवाला, रेख __और चाकरी का, पांच वर्ष से पहले का राज्य का कर्ज माफ कर दिया गया। ( इस घोषणा से मारवाड़-राज्य के २८० जागीरदारों को करीब ढाई लाख रुपये के कर्ज से छुट्टी मिल गई।) (३) खालसे (राज्य ) के गांवों के कृषकों और अन्यजन-साधारण को, उनके गांवों की सैटलमैंट होनेसे पहले के हासिल, खरड़ा, घास मारी आदि के कर्ज से मुक्ति दे दी गई। ( इससे ग्रामीण जनता को साढ़े आठ लाख रुपये का फायदा हुआ।) इसीके साथ ही वि० सं० १९७२ (ई० स० १९१५ ) के कहत के समय और उससे पूर्व के वर्षों में ए खोदने आदि के लिये दिए हुए एक लाख रुपये का कर्ज भी माफ़ कर दिया गया। (४) मारवाड़ के मुसलमानों के लिये, राज्य की तरफ़ से, जोधपुर में एक अच्छा स्कूल बनवा देने का वादा किया गया। (५) चालीस रुपये तक की तनखा के राज्य के मुस्तकिल मुलाज़िमों को चौथाई महीने की तनख़्वा, इनाम के तौर, पर दी जाने की आज्ञा दी गई। (६) गरीबों और बिना गुज़ारे वाले लोगों को राज्य की तरफ़ से गरम कपड़े देने का हुक्म हुआ। १. इस अवसर पर धार्मिक कृत्यों को संपादन करने के लिये काशी से भी पण्डित बुलवाए गए थे। इस महल का नक्शा लंदन के मिस्टर लैंकेस्टर (Lanchester) ने बनाया था और यह महल अभी बन रहा है । २. यह स्कूल १,३१,००० रुपये की लागत से बनकर तैयार हो गया है । इस समय इसमें सैवंथ कास तक की पढ़ाई होती है और इसका कुल खर्च राज्य से मिलता है । ५६१ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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