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________________ मारवाड़ का इतिहास वि० सं० १६६५ के फागुन ( ई० स० १९०६ की फरवरी ) से महाराजा साहब ने राज्य कार्य की देख-भाल पूरी तौर से अपने हाथ में लेली' । इसपर सहकारी रैजीडैंट का पद उठा दिया गया । वि० सं० १९६६ की वैशाख सुदि ३ (२२ अप्रेल ) को भारत का फ़ौजी-लाट लॉर्ड किच्नर जोधपुर आया । इस पर राज्य की तरफ़ से उसके योग्य ही उसके स्वागत का प्रबन्ध किया गया । उस अवसर पर की गई यहां के रिसाले की कवायद ( परेड ) का संचालन महाराज - कुमार सुमेरसिंहजी ने किया और लॉर्ड किच्नर को दिखलाने के लिये मारवाड़ की दस्तकारी का जो सामान एकत्रित किया गया था, बाद में उसी को एक स्थान पर सजा कर यहां पर इंडस्ट्रियल म्यूज़ियम (देशी वस्तुओं के अजायबघर ) की स्थापना की गई । भादों वदि ( सितम्बर ) में महाराजा सरदारसिंहजी, लॉर्ड किचनर से मिलने के लिये पूना गएँ । इस यात्रा में ईडर - नरेश महाराजा प्रतापसिंहजी भी आप के साथ थे 1 भादों सुदि २ ( १६ सितम्बर ) को ' जोधपुर - बीकानेर रेल्वे' का 'डेगाना - हिसार ' लाइन वाला सुजानगढ़ तक का हिस्सा खोला गया । १. महाराजा साहब ने प्रजा की आवश्यकताओं को जानने के लिये इस वर्ष देसूरी, बीलाड़ा, मालानी और पाली के परगनों में दौरा किया, तथा गरमियों में आप १५ दिन के लिये आबू पर्वत पर रहे | इस वर्ष मुंशी रोडामल के स्थान पर भंडारी मानचन्द ' कोर्ट- सरदारान' का, लक्ष्मणदास सपट हैसियत का, बेड़ा-ठाकुर शिवनाथसिंह तामील का और रावराजा तेजसिंह ( प्रथम ) 'रजिस्ट्रेशन' का अफसर बनाया गया । इसी वर्ष बादशाह की बरसगांठ के दिन कविराजा मुरारिदान को 'महामहोपाध्याय ' की उपाधि मिली । २. इस वर्ष महाराजा साहब ने बीकानेर, बूदी, बंबई, पूना और अजमेर की यात्राएं की और जयसलमेर-दरबार ने जोधपुर आकर आप का आतिथ्य स्वीकार किया । ३. श्रावण वदि १४ ( १६ जुलाई ) को महाराजा प्रतापसिंहजी स्वास्थ्य - -सुधारने के लिये जोधपुर आए और क़रीब ढाई महीने यहां रहे । इस यात्रा में आपके दत्तक पुत्र महाराज - कुमार दौलतसिंहजी भी आपके साथ थे । ४. इस साल फसल अच्छी होने के कारण मारवाड़ से ७,४४,४५२ मन गेहूं की रक्तनी हुई । इसके पहले साल केवल ७४,३७५ मन गेहूं ही बाहर चढ़ा था । ५१२ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034554
Book TitleMarwad Ka Itihas Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishweshwarnath Reu
PublisherArcheaological Department Jodhpur
Publication Year1940
Total Pages406
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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