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किया गया है और प्रस्तुत प्रकरण में दोनों अर्थ
अभिप्रेत हैं। इसलिये यहाँ पर क्रमशः दोनों का ही विचार किया जाता है।
द्रव्य स्थानक यद्यपि स्थान-स्थानक शब्द का प्रसिद्ध अर्थ अमुक प्रकारका क्षेत्र, भूमि या निवास करने की जगह
* जैनागम-शब्दसंग्रह नाम के अर्द्धमागधी-गुजराती कोश में 'स्थान' शब्द के निम्नलिखित १९ अर्थ दिये हैं :
ठाण-स्थान, पुं. न. (१) स्थान, ठेकाणुं, जगा, मकान, (२) काउसग्ग-कायाने जरापण हलाववी नहों ते (३) लेश्या के अध्यवसार्यो स्थान (४) कार्य (५) स्थिति करवी ते अधर्मास्तिकाया, लक्षण (६) आंकड़ानूं स्थान (७) उत्पत्ति स्थान-उपजवानूं ठेका' (८) अवकाश-भूमिप्रदेश (९) शरीर ने अमुकस्थितिमा राखq ते आसन (१०) पण्णवणाना बीजापदनुं नाम (११) त्रीजुं अंगसूत्र के जेमा एक थी दस प्रकार की वस्तुओंनूं वर्णन छ (१२) स्थितिपरिणाम (१३) स्थितिरूपगुण (१४) योग-मन-वचन-कायाना व्यापारना स्थानक (१५) ऊभा रहेq ते (१६) निवास देवू ते (१७) कारणनिमित्त (१८) प्रकार भेद (१९) ठाणांगसूत्रना ठाणानुं नाम ।
१९ अर्थों में से प्रस्तुत निबन्ध में द्रव्यरूप में स्थान, क्षेत्र, भूमि तथा भावरूप में स्थितिपरिणाम और स्थितिरूपगुण, इन अर्थों का ही ग्रहण अभीष्ट है।
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