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वर्ष यह पांचवा गमा हुवा।
(६) " जघन्यसे उत्कृष्ट " म. दो भव० प्रत्यक मास और एक सागरोपम उत्कृष्ट आठ भव करे तो च्यार प्रत्यक मास और च्यार सागरोपम यह छठा गमा हुवा।
(७) " उत्कृष्टसे ओघ” उ० दो भव० कोडपू व और दश हजार वर्ष उ० च्यार कोड पूर्व च्यार सागरोपम यह सातवा गमा हुवा। ... (८) " उत्कृष्टसे जघन्य " ज० दो भव० पूर्वकोड और दश हजार उ० च्यार कोड पूर्व और चालीस हजार वर्ष यह भाठवा गमा हुवा।
(९) " उत्कृष्ट से उत्कृष्ट " ज० दोभव. कोड पूर्व और एक सागरोपम० उ० च्यार पूर्वकोड और च्यार सागरोपम यह नौवा गमा हुवा।
कमसे कम प्रत्यक मासका और ज्याद पूर्वकोडवाला मनुष्य स्लपमा नरकमे जा सक्ता है वह नरकमे जघन्य दश हमार वर्ष उ० एक सागरोपम आयुष्य पाता है तथा मनुष्य और रत्नप्रमा नरकके लगेतार भव करें तो जघन्य दोय भव उत्कृष्ट माठ भव, जिस्मे च्यार मनुष्यका और च्यार नारकीका इसका नव गमा होता है। कालमान उपर नवगमामें लिखा है। इसी माफोक सर्व स्थानपर समझना। म. (२) ऋडिहार-जेसे यहासे मनुष्य मरके नस्क जाता है सिर १० द्वार बतलाया जाता है. यथा । ...