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(२) आठद्वारोंका विवरण ।
(१) गमाद्वारा एक ही गति तथा जातिके अन्दर भवापेक्षा तथा कालापेक्ष गमनागमन करते है उसे गमा कहते है निस्का नौ भेद है । जेसे मनुष्य, रत्नप्रभा, नरकके अंदर, गमनागमन करे तों भवापेक्षा जघन्य दोयभव उत्कृष्ट आठ भव करे और कालापेक्षा नव गमा होता है यथाः
(१) " ओघसे ओष " ओध कहते है । समुच्चयकों जिस्में जघन्य और उत्कृष्ट दोनों समावेश हो शकते है, भवापेक्ष जघन्य दोयभव ( एक मनुष्यका दुसरा नरकका ) कालापेक्षा प्रत्यक माम
और दश हजार वर्ष और उत्कृष्ट आठ भव करते है कालापेक्षा च्यार कोड पूर्व और च्यार सागरोपम, यह प्रथम गमा हवा ।
(२) “ ओघसे जघन्य " मनुष्यका जघन्य उत्कृष्ठ काल और नरकका नधन्य काल जेसे दो भव करे तो जघन्य प्रयक माप्त और दश हजार वर्ष उत्कृष्ट आठ भव करे तो च्यारकोड पूर्व वर्ष और चालीस हजार वर्ष यह दुसरा गया।
(३) " ओघसे उत्कृष्ट " जघन्य दो भव करे तो प्रत्यक मास और एक सागरोपम उत्कृष्ट च्यारकोड पूर्व और च्यार सागरोपर यह तीपरा गमा हुवा।
(8) " जधन्यसे ओध " जघन्य दो भव करे तो प्रत्यक मास और दश हजार वर्ष उत्कृष्ट आठ भव करे तो च्यार प्रत्यक मास और च्यार सागरोपम यह चोथा गमा । ... (५) " जघन्यसे जघन्य " न० दो भव० प्रत्यकमात और दश ह नार वर्ष 3. च्यार प्रत्यक मास और चालीस हजार