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(शान देवोंके
[...] जन्तरे पर रही हुइ देवीयोंके पूर्वोक्त १७ बोलोपणे परिणमते है अर्थात् देवी उत्पन्न होनाका स्थाना पेहले दूसरे देवलोकमें है और देवता बोलानेसे आठवा देवलोक तक जा शक्ती है आगे मानेकी विषय देवीकी नहीं है । पेहले दूसरे देवलोकके देवोंके
में आति है अर्थात् उन्हीं देवीयोंको अपरिगृहीता देवीयोंके नामसे आलेखाइ जाती है। देवोके काममे देवलोकमे देवीकी स्थिति सुधर्म देवकि सौधर्ममे पल्योपमसे ७ पल्योपम
इशानमे १ पल्यो.से ९ पल्योपम मनत्कुमारके
सौधर्ममे
७ पल्यो० से १० पल्यो. महेन्द्र देवोंके इशानमे ब्रह्म देवोंके
१६, २० ॥ रुकत , इशानमे २५ ॥ १५ ॥ महाशुक्र देवोंके सौधर्ममे सहस्त्र , __इशानमे ३१ ॥ ३९ गणत , सौधर्ममे
१६, १० पणत , इशानमे ४१ , १५ , भरण , सौधर्ममे ४६ , ९० , अचुत देवोंके
इशानमे ५१ , १५ ॥
देवतावोंमे परिचारणके सुखौंकि अल्पा० ... (१) स्तोक काय परिचारणवालोंका सुख . (२) स्पर्श , अनंतगुणा
सौधर्ममे
पार