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________________ ३. ४. ५. ६. ७. ८. ९. १०. ११. १२. १३. १४. १५. १६. १७. १८. १९. २०. १. २. ३. ४. ६. श्रान्ता और उसका विनियोग लज्जिता और उसका विनियोग ग्लाना और उसका विनियोग शंकिता और उसका विनियोग विषण्णा और उसका विनियोग ७. मुकुला और उसका विनियोग कुञ्चिता और उसका विनियोग अभितप्ता और उसका विनियोग सात प्रकार की भ्र ू (भौं) का अभिनय म के भेद जिह्वा और उसका विनियोग ललिता और उसका विनियोग वितकता और उसका विनियोग अर्धमुकुला और उसका विनियोग आकेकरा और उसका विनियोग विभ्रान्ता और उसका विनियोग विप्लुता और उसका विनियोग त्रस्ता और उसका विनियोग विकोशा और उसका विनियोग त्रिविधा मदिरा और उसका विनियोग दृष्टि के अनन्त भेद विषयानुक्रम सहजा और उसका विनियोग रेचिता और उसका विनियोग उत्क्षिप्ता और इसका विनियोग कुचिता और उसका विनियोग पतिता और उसका विनियोग चतुरा और उसका विनियोग कुटी और उसका विनियोग श्लोक संख्या ४५२ ४५३ ४५४ ४५५ ४५६ ४५७ ४५८ ४५९ ४६० ४६१ ४६२ *o ४६४-४६५ ४६६ ४६७ ४६८ ४६९ ४७०-४७२ ४७३-४७४ ४७५ ४७५ ४७६ ४७७ ४७८ ४७९ ४८० *&? पृष्ठ संख्या *** १४९ १४९ १४९ १४९ १४९-१५० १५० १५० १५० १५०-१५१ १५१ १५१ १५१ १५१-१५२ १५२ १५२ १५२ १५३ १५३ १५४ १५४ १५४ १५४ १५४-१५५ १५५ .. १५५ १५५ २३
SR No.034223
Book TitleNrutyadhyaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshokmalla
PublisherSamvartika Prakashan
Publication Year1969
Total Pages514
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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