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________________ षष्ठः] भाषाटीकासहितः। (२०५) आढक तिलके तेल में पकाव, बकरीके आध आढक दूधमें काढा कर इन औषधियोंको डाले-कचूर, देवदारु, दारुहलदी इलायची, मंजीठ, अगर, चन्दन, पदमाख, त्रिफला, मोथा, माषपर्णी, रेणुका, मुलहठी, रास्ना, कटेरी, नख, सुगन्धिद्रव्य, ऋषभक, जीवक, पलाश (ढाक) रस, कस्तूरी, निसोत, जायफल, केशर, शिलाजीत, मालतीपुष्प, कायफल, नेत्रवाला, तज, कुन्द, त्वचा, कपूर, लोहबान, चीढ, लौंग, करंज, मिरच, कंकोल, कूठ दोनों मरुआ, बालछड, प्रियंगू, फावूला तगर, वच, दमनफूल, कौंचके बीज, नागकेशर, जब तेल पकनाय तब इन औषधियोंको १६ टंक डालकर फिर पकावे। इसको विधिसंयुक्त सेवन करे तो खांसी, श्वास, ज्वर, मूर्छा, छौंदै, गोला, क्षय, दुर्बलता, मस्तकशूल, सम्पूर्ण धातुओंके भीतर की वायु. प्लीहा, सूजन, मृगी, शरीरका दोष (मल ) इतने रोगोंको बलातेल नाश करता है और सम्पूर्ण प्रकारकी वायुको दूर करता है ॥ १-९॥ वातरोगे प्रसारणीतैलम् । प्रसारणीकाथपयोम्बुतक्रमस्वारनालं विपचेनु तैलम् । कल्कीकृतं विश्वघनांबुकुष्ठं मांसीशताह्वामरदारुसेव्यैः ॥ १ ॥ शैलेयरास्नागरुसारिखा च सिन्धूत्थबिल्वानलमंथचोञ्चैः । तगरं लतांभोजपुनर्नवा स्याच्छयोनाकयष्टयाभकुटंनटैश्च ॥ २॥ छिनोद्भवादाय॑भयाकरंजमेदानिशाद्वैः सफलत्रिकैश्च । एरण्डगोकंटकजीवकैश्च तत्साधितं हत्यनिलोत्थरोगान् ॥३॥ Aho! Shrutgyanam
SR No.034215
Book TitleYog Chintamani Satik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshkirtisuri
PublisherGangavishnu Shrikrishnadas
Publication Year1954
Total Pages362
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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