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तृतीयः ]
भाषाटीकासहितः ।
(१३५)
चव्य, अमलवेत, सोंठ, मिरच, पीपल, तंतडीक, तालीसपत्र, जीरा, वंशलोचन, इलायची, तज, पत्रज, चीता इनको बराबर लेवे और मुडके संग गोली बनावे यह गोली पीनस, कफ, अरुचि इनको दूर करती है ॥ १ ॥
कामदेव टिका | पलं गोक्षुरबीजानि द्विपलं कपिकच्छुजम् । पलं नागदला मूलं पलमेकं शतावरी ॥ १ ॥ विदारीकन्दचूर्ण तु पलद्वयमथाऽबला । द्विपलं त्रपुसीबीजं वाजिगंधा पलत्रयम् ॥ २ ॥ त्रिसुगंधकणा धात्री लवंगं नागकेशरम् । वंशी मांसी तालमूली गुडूची रक्तचन्दनम् ॥ ३ ॥ एतानि कर्षमात्राणि सूक्ष्मचूर्णानि कारयेत् । बालशाल्मलिकाद्रावैर्भावयेच्चैकविंशतिः ॥ ४ ॥ कुशकाश द्रवैरेवं शर्करा समयोजितम् । नष्टशुक्ररुजं हन्ति मूत्रकृच्छ्राणि यानि च ॥ ५ ॥ शतंगच्छेत्तु नारीणां हयतुल्यसमो बले । कामदेवमिदं नाम धन्वन्तरिविनिर्मितम् ॥
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गोखरू के बीज १ पल, कौंचके बीज २ पल, गंगेरनकी छाल १ चल, शतावर १ पल, विदारीकन्दका चूर्ण २ पल, खरेटीकी जड २ • पल, ककडीके बीज डेढ पल, असगंध डेढ पल, तज, पत्रज, छोटी इलायची, पीपल, आंवले, लोंग, नागकेशर, वंशलोचन, छड, काली मूसली, गिलोय, लाल चन्दन इन सब औषधियों को एक एक कर्ष लेकर चूर्ण करे, इसमें कोमल सेमलके पत्तोंके रसकी इक्कीस भावना
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