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हिन्दी भाषा-टीका समेतः। ४० गुरु बोया सग बारसि, चउत्थी छट्ठी य अट्टमी ऊफा। कित्सिग रोहिणी मिगसिर, अहा सितभिसह असुहाई ॥१६३ भिगु चउ नवमी चवदिसि,बीया सत्तमिय तीय रोहिणिया। जिट्ट मघ असलेसा, पुक्खं पमुहाइ असुहाई ॥ १६४॥ शनि पण दसमी पुन्निम,छट्ठी सत्तमि य रेवई चित्ता। हत्था उत्तरसाढा, उत्तरफागुणि य असुहाई ॥ १६५ ॥
- भावार्थ-रविवारको षष्ठी सप्तमी द्वादशी चतुर्दशी और एकादशी तिथि, ज्येष्ठा अनुराधा विशाखा मघा और भरणी नक्षत्र हो तो अशुभ है। सोमवार को एकादशी सप्तमी द्वादशी और चतुर्दशी तिथि, पूर्वाषाढा उत्तराषाढ़ा चित्रा और विशाखा नक्षत्र हो तो अशुभ है। मंगलवार को दशमी प्रतिपदा और एकादशी तिथि, आर्द्रा उत्तराषाढा. धनिष्ठा शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र हो तो अशुभ है। बुधवार को तृतीया अष्टमी त्रयोदशी प्रतिपदा नवमी और चतुर्दशी तिथि, मूल रेवती अश्विनो भरणी धनिष्ठा और अनुराधा नक्षत्र हो अशुभ है। गुरुवार को द्वितीया सप्तमी द्वादशी चतुर्थी षष्ठी और अष्टमी तिथि, उत्सराफाल्गुनी कृतिका रोहिणो मृगशीर्ष आर्द्रा और शतभिषा नक्षत्र हो तो अशुभ
है। शुक्रवार को चतुर्ण नवमी चतुदशी द्वितीया सप्तमी और तृतीया तिथि, रोहिणी ज्येष्ठा मघा आश्लेषा और पुष्य नक्षत्र हो तो अशुभ है। शनिवार को पंचमो दशमी पूर्णिमा षष्ठी. और सप्तमी तिथि, रेवती चित्रा हस्त. उत्तराषाढा. और उत्तराफागुनी नक्षत्र हो तो अशुभ है। १५६ से १६५ ।।