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ज्योतिषसारः। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ mmmmmmmmmmmmmmmmm.in mar
बड़ी दिन शुद्धिःरवि अस्सणि ससि मिगसिर, भूमे असलेस बुद्ध हत्थाय । सुरगुरु अणुराहाय', मिगु उसा सनि सतभिसय ॥६५॥ एए हि वार रिक्खा, अडवीस णंद नाम उवजोगा। नाम सरिसा य फलं, कहिय अणुक्कम हि नामे हि ॥६६॥
भावार्थ-रविवार को अश्विनी से, सोमवारको मृगशीर्ष से, मंगलवारको आश्लेषा से, बुधवार को हस्त से, गुरुवार को अनुराधा से, शुक्रवार कोउत्तराषाढ़ासे और शनिवारको शतभिषा से गिणने से ये २८ उपयोग होते हैं उसके नाम सदश फल कहना । . २८ उपयोग के नाम--
आणंद कालदंडं, परिजा सुभ सोम धंस धज वच्छो। वज्जो मोगर छत्तो, मित्तो मनुन्नो य कंपोयं ॥ ६७ ॥ लंपक पवास मरणं, वाही सिद्धि अमिय सूल मुसलं । गजो मातंगो खय खिप्प, थिरो य वद्ध माण परियाण।। ६८ ॥
भावार्थ-आणंद, कालदंड, प्रजापत्य, शुभ, सौम्य, ध्वांक्ष, ध्वज, श्रीवत्स, वन, मुद्गर, छत्र, मित्र, मनोज्ञ, कंप, लुपक, प्रवास, प्ररण, व्याधि, सिद्धि, अमृत, शूल, मूसल, गज, मातंग, क्षय, क्षिप, स्थिर और वर्द्धमान ये २८ उपयोग हैं ॥ ६७.६८ ॥
२८ उपयोगके फल-- आनन्दो धनलाभाय, कालदण्डो महद्भयम् । प्रजापतिः सपुत्राय, शुभः सर्वशुभं दिशेत् ॥६६॥ .