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हरीतक्यादिनिघण्टुः भा. टी. (१९) तत्त्वको जाननेवालोंने कहा है । नशुन वीर्यको पुष्ट करनेवाला, शरीरको पुष्ट करनेवाला चिकना, गरम, पाचन, दस्तावर. रत और पाकमें कड, वीक्ष्ण और मधुर है, बल वर्णके करनेवाला, मेधावर्धक, नेत्रोंको हितकारी और रसायन है, हृद्रोग, जीर्णज्वर, कुक्षिशूल, विषन्ध, गुल्म, भरुचि, कास, सूजन, बवासीर, कुष्ठ, अग्निकी मन्दता, कृमि,वायु, श्वास और कफको हरनेवाला है २१९-२२५ ॥
पलांडुः। पलांडुर्यवनेष्टश्च दुर्गधो मुखदूषकः । पलांडुस्तु गुणै यो रसोनसदृशो बुधैः ॥ २२६॥ स्वादुः पाके रसेनोष्णः कफन्त्रातिपित्तलः । हरते केवलं वातं बलवीर्यकरो गुरुः ॥ २२७ ॥ पलाण्डु, यवनेष्ट, दुर्गन्ध, मुखदूषक यह प्याजके नाम हैं इसे हिन्दीमें पियाज, फारसीमें प्याज और अंग्रेजी में Onion bulb करते हैं।
पियाज (पलाण्ड) गुणों में रसोनके समान है। पाकमें मधुर, रममें उष्ण, कफकारक, किश्चित पिनकारक, वेवल वातनाशक, बलवीर्यवर्धक और भारी है ।। २२६ ॥ २२७ ॥
भल्लातकम्। भल्लातकं त्रिषु प्रोक्तमरुष्कोरुष्करोऽनिकः । तथैवानिमुखी भल्ली वीरवृक्षश्च शोफकृत् ॥२२८॥ भल्लातकफलं पक्वं स्वादु पाकरसं लघुः।। कषायं पाचनं स्निग्धं तीक्ष्णोष्णं छेदि भेदनम्२२९॥ मेध्यं वह्निकरं हंति कफवातव्रणोदरम् । कुष्ठाझेग्रहणीगुल्मशोथानाइज्वरक्रिमीन् ॥२३०॥
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