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भावप्रकाशनिघण्टुः भा. टी . ।
इसको हिन्दी में तेन्दू, फारसी में जनुबस और अंग्रेजीमें Ehony कहते हैं । कच्चा तेन्दु-ग्राही, वातकारक, शीतळ और भारी है। पका हुआ तेन्दु - मधुर, भारी और पित्त, प्रमेह, रक्तविकार तथा कफको जितनेवाला है ॥ ६४ ॥
कुपीलुः । तिंदुकः कथितो यस्तु जलजो दीर्घपत्रकः ॥ ६५ ॥ कुपीलुः कुलकः काकतिंदुकः कालपीलुकः । काकेन्दुर्विपतिदुश्च तथा मर्कटतिंदुकः ॥ ६६ ॥ कुपीलु शीतलं तिक्तं वातलं मदकृल्लघु । पादव्यथाहरं ग्राहि कफपित्तविनाशनम् ॥
६७ ॥
जो सिन्दुक जल में उत्पन्न हो उसको दीर्घपत्रक, कुपिलु, कुलक, काक तिन्दुक, कालपीलुक, काकेंदु, विषतिन्दु और मर्कटतिन्दुक कहते हैं । इसको हिन्दीमें काकतेंदु, अथवा कुचला, फारसी में इफराको और अंग्रेजी में Paison Nut कहते हैं। कुचला - शीतळ तिक्त, वातकारक, मदवर्धक, हलका, पेश्की पीडाको हरनेवाला, ग्राही तथा कफ और पित्तको नष्ट करनेवाला है ॥ ६५ ॥ ६७ ॥
फलेंद्रः । फलेन्द्रः कथिता नंदी राजजबूर्महाफला । तथा सुरभिपत्रा च महाजंबूरपि स्मृता ॥ ६८ ॥ राजजबूफलं स्वादु विष्टंभि गुरु रोचनम् । क्षुद्रजम्बूः सूक्ष्मपत्रो नादेयी जलजंबुकः ॥ ६९ ॥ जम्बू : संग्राहणी रूक्षा कफपित्तास्रदादजित् ।
फलेंद्र, नंदी, राजजम्बू, महाफना, सुरभिग्वा और महाजंबू यह बड़ी जामुन के नाम हैं। इसको अंग्रेजीमें Jamdil tree कहते हैं ।