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________________ (५८) भावप्रकाश निघण्टुः भा. टी. । नाम हैं तथा चन्द्रमाके सम्पूर्ण नामोंसे भी पुकारा जाता है । इसे हिन्दी में कपूर, फारसी में कफूर और अंग्रेजीमें Comphor कहते हैं। कवर - शीतल, वीर्यवर्धक, नेत्रोंके लिये हितकारी, लेखन, हलका, सुगन्धयुक्त, मधुर, तिक्त तथा कफ, पित्त, विष, दाह तृष्ण, मुखकी विरसता, मेद और दुर्गंधको नष्ट करता है। कपूर पक्क और अपक्क भेदसे दो प्रकारका है, पपक कपूर पक्क कपूर से अधिक गुणोंवाला है ॥ १-३ ॥ चीनसंज्ञः । चीनसंज्ञस्तु कर्पूरः कफक्षयकरः स्मृतः ॥ ४ ॥ कुष्ठकंडूवमिहरस्तथा तिक्तरसश्च सः । चीनसंज्ञक कर्पूर ( चीनियाँ कर्पूर ) - तिक्त रसवाला तथा कफ, कोट, कण्डु (खुजली ), वमन इनको नष्ट करता है ॥ ४ ॥ कस्तूरी । मृगनाभिर्मृगमदः कथितस्तु सहस्रभित् ॥ ५ ॥ कस्तूरिका च कस्तूरी वैधमुख्या च सा स्मृता । कामरूपोद्भवा कृष्णा नैपाली नीलवर्णयुक् ॥ ६ ॥ काश्मीरे कपिलच्छाया कस्तूरी त्रिविधा स्मृता । कामरूपोद्भवा श्रेष्ठा नेपाली मध्यमा भवेत् ॥ ७ ॥ काश्मीरदेशसंभूता कस्तूरी ह्यधमा स्मृता । कस्तूरिका कटुस्तिक्ता क्षारोष्णा शुक्रला गुरुः ॥८॥ कफवात विषच्छर्दिशीत दौर्गन्ध्यदोषहृत् । मृगनाभि, मृगमद सहस्रभित, कस्तूरिका, वैधमुख्या यह कस्तूरिकाके संस्कृत नाम हैं । इसे हिन्दी में कस्तूरी, फारसी में मुष्क और अंग्रेजीमें Musk कहते हैं । कामरूप देशमें उत्पन्न हुई कस्तूरी कालेवर्णकी, नेपाल देशमें उत्पन्न हुई नीलवर्ण युक्त तथा काश्मीर देश में उत्पन्न हुई भूरे रंगकी
SR No.034197
Book TitleHarit Kavyadi Nighantu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhav Mishra, Shiv Sharma
PublisherKhemraj Shrikrishnadas
Publication Year1874
Total Pages490
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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