________________
शरीर- प्रेक्षा
८५
स्वायत्त नाड़ी तंत्र के दो पृथक विभाग होते हैं, जिनमें प्रत्येक विभाग
एक विशेष प्रकार के कार्य संपादित करता है
१. परानुकंपी (Parasympathetic) २. अनुकम्पी (Sympathetic )
इन दोनों की क्रिया परस्पर विपरीत है। जहां एक विभाग अंग या अवयव की क्रिया को उत्तेजित करता है, वहां दूसरा उसे शांत करता है। उदाहरणार्थ- अनुकम्पी विभाग हृदय की गति एवं उसकी संकुचन शक्ति तथा रक्त चाप को बढ़ाता है तो परानुकम्पी व्यवस्था इन्हें कम करती है। रक्त संचार तंत्र
मानव - शरीर की प्रत्येक कोशिका को ग्लूकोज आदि पोषक तत्त्वों
to
हृदय
धामनियां
शिराएं
रक्त परिसंचरण के विभिन्न अवयव - हृदय, धमनियां, शिराएं
Scanned by CamScanner