________________ सन्तान साध्यता नाम का दोष है। सुनिश्चितासम्भव बाधक प्रमाण- जिसमें नियम से बाधक प्रमाण संभव न हो उस प्रमाण को सुनिश्चित असंभव बाधक प्रमाण कहते हैं। - बौद्ध प्रत्येक वस्तु को क्षण भंगुर मानते हैं, अर्थात् वस्तु प्रतिक्षण नष्ट होती है किन्तु तत्सम तत्काल दूसरी प्रादुर्भूत होती है उसी को संतान कहते हैं। व्यवहार में अपने पुत्र पुत्रियों को भी सन्तान कहते हैं। सम्बन्धाभिधेय ग्रन्थ में वर्णन करने योग्य जो विषय हैं उनका सम्बन्ध बतलाना। - कर्मों का आना रुकना संवर कहलाता संवर है। संवाद विवक्षित प्रमाण का समर्थन करने वाला प्रमाण संवाद कहलाता है। संवाद प्रत्यय अपने पूर्ववर्ती ज्ञान का समर्थन करने वाला ज्ञान। संवेदन प्रभव संस्कार- ज्ञान से उत्पन्न होने वाला संस्कार। संयोग-सम्बन्ध - दो पदार्थों का या द्रव्यों का मिलना। संज्ञा संज्ञि सम्बन्ध - नाम और नाम वाले पदार्थ के सम्बन्ध को संज्ञा संज्ञि सम्बन्ध कहते हैं। स्मृतिप्रमोष स्मृति का नहीं होना, नष्ट होना स्मृतिप्रमोष है, प्रभाकर (मीमांसक) विपर्यय ज्ञान को स्मृतिप्रमोषरूप मानते हैं। स्फोटवाद - गो, घट आदि शब्द द्वारा तद् वाच्य पदार्थ 362:: प्रमेयकमलमार्तण्डसारः