________________ लिंग - हेतु को लिंग कहते हैं। चिह्न को भी लिंग कहते हैं। लिंग-लिंगी सम्बन्ध - साधन और साध्य का सम्बन्ध। लिंगी - अनुमान को लिंगी कहते हैं, जिसमें चिह्न हो वह पदार्थ लिंगी कहलाता है। वाच्य-वाचक - कहने योग्य पदार्थ को वाच्य और कहने वाले शब्द को वाचक कहते हैं। वादी-प्रतिवादी - वाद विवाद में जो पुरुष पहले अपना पक्ष उपस्थित करता है उसे वादी और उसके विरुद्ध पक्ष रखने वाला प्रतिवादी कहलाता वासना - संस्कार, आसक्ति विकल्पसिद्धधर्मी - जो धर्मी अर्थात् पक्ष प्रत्यक्ष से सिद्ध न हो उसे विकल्पसिद्ध धर्मी कहते हैं। विकल्प ज्ञान यह घट है इत्यादि साकार को विकल्प ज्ञान कहते हैं। विधातृ - "यह वस्तु मौजूद है" इस प्रकार अस्ति रूप वस्तु का जो ज्ञान होता है उस ज्ञान को विधातृ या विधायक ज्ञान कहते हैं। - नष्ट हो गई हैं आँखें जिसकी उसे विनष्टाक्ष कहते हैं। विपक्ष जहाँ साध्य नहीं रहता उस स्थान को विपक्ष कहते हैं, प्रतिपक्ष को भी विपक्ष कहते हैं। विनष्टाक्ष प्रमेयकमलमार्तण्डसार::355