________________ प्रागभाव जिसके अभाव होने पर नियम से कार्य की उत्पत्ति हो। जैसे मिट्टी आदि में घटादि कार्य का अभाव रहना, प्राग् पहले अभावरूप रहना प्रागभाव है। जैसे घट के पूर्व स्थास आदि रूप मिट्टी का रहना है वह घट का प्रागभाव कहलाता है। प्रेक्षावान् बला तैल - बुद्धिमान्। सर्व शब्दों को श्रवण की शक्ति को उत्पन्न करने वाला तेल। जिस हेतु की पक्ष और सपक्ष दोनों में व्याप्ति हो वह बहिर्व्याप्तिक हेतु कहलाता बहिर्व्याप्ति बाधाविरह बुद्धिमद्धेतुक बुभुक्षा ब्रह्माद्वैत - बाधा का नहीं होना। - बुद्धिमान कारण से होने वाला। - भोजन की वांछा। विश्व के सम्पूर्ण पदार्थ एक ब्रह्म स्वरूप हैं, अन्य कुछ भी नहीं है, जो कुछ घट, जीव आदि पदार्थ दिखाई देते हैं वे सब ब्रह्म के ही विवर्त हैं ऐसा ब्रह्माद्वैतवादी की मान्यता है। किसी एक विषय में मन के तल्लीन होने से उसके सामने नहीं होते हुए भी प्रत्यक्षवत् प्रतिभास होने को भावना ज्ञान कहते हैं। - वचन द्वारा अन्तरंग में होने वाला ज्ञान। प्रमेयकमलमार्तण्डसार::353 भावनाज्ञान भाव वाक्य