________________ पहले तो उठाकर धो लिया किन्तु पीछे ग्लानि तथा लोक की हँसी के कारण उसको छोड़ दिया उसी प्रकार पहले किसी बात को स्वीकार करके पीछे भयादि के कारण उसको छोड़ देना “प्रक्षालिता शुचिमोदकपरित्यागन्याय" कहलाता है। - बौद्ध ग्रन्थकार। धर्म और धर्मी अर्थात् साध्य और पक्ष को कहना प्रतिज्ञा कहलाती है। व्रत या नियम आदि के लेने को भी प्रतिज्ञा कहते प्रज्ञाकर गुप्त प्रतिज्ञा प्रतिपाद्य-प्रतिपादक - समझाने योग्य विषय अथवा जिसको समझाया जाता है उन पदार्थ या शिष्यादि को प्रतिपाद्य कहते हैं, तथा समझाने वाला व्यक्ति-गुरु आदिक या उनके वचन प्रतिपादक कहलाते हैं। प्रतिबन्ध - अविनाभाव सम्बन्ध का दूसरा नाम प्रतिबन्ध प्रतिबन्धक प्रतिबंधक मणि रोकने वाला। - अग्नि की दाहक शक्ति को रोकने वाला रत्न विशेष। भूतल में (आदि में) स्थित कोई वस्तु विशेष जिसको पहले उस स्थान पर देखा प्रतियोगी प्रतिविहित खंडित। 350:: प्रमेयकमलमार्तण्डसारः