________________ अश्रुतकाव्य - जिस काव्य को सुना न हो। आलोककारणवाद - आलोक अर्थात् प्रकाश ज्ञान का कारण है- ऐसा नैयायिक मानते हैं। आवरण - ढकने वाला वस्त्र या कर्म आदि पदार्थ। आवारक शब्द को एक विशिष्ट वायु रोकती है उसे आवारक कहते हैं- ऐसा मीमांसक मानते हैं। इतरेतराभाव एक स्वभाव या गुण, धर्म, अथवा पर्याय की अन्य स्वभावादि से भिन्नता दिखलाना इतरेतराभाव कहलाता है। इन्द्रियवृत्ति चक्षु आदि इन्द्रियों का अपने विषयों की ओर प्रवृत्त होना इन्द्रियवृत्ति है और वही प्रमाण है- ऐसा सांख्य कहते हैं। इष्ट प्रयोजन - ग्रंथ में कथित विषय इष्ट होना। ईश्वरवाद नैयायिक वैशेषिक, सांख्यादि प्रवादीगण ईश्वर कर्तृत्व को मानते हैं, इनका कहना है कि जगत् के यावन्मात्र पदार्थ ईश्वर द्वारा निर्मित हैं, वह सर्व शक्तिमान् सर्वज्ञ सर्वदर्शी हैं इत्यादि। उत्तंभकमणि अग्नि को दीप्त कराने वाला कोई रत्न विशेष। उद्भूतवृत्ति - प्रगट होना। उद्योतकर - न्यायदर्शन के मान्य ग्रन्थकार का नाम। प्रमेयकमलमार्तण्डसार::341